आतंक का सबसे घिनौना चेहरा ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मारे जाने की खबर ने सभी को झकझोंर कर दिया है..विश्व के महाशक्ति को ओसामा बिन लादेन को मारने में दस साल का लंबा वक्त लग गया..वो भी उस जगह..जिस जगह पर ओसामा बिन लादेन के छिपे होने की संभावना पहले से जताई जाती रही है..लेकिन पाकिस्तान इससे हमेशा इंकार करता रहा..लेकिन अब जब पाकिस्तान की सरजमीं पर ओबामा मारा गया..तब पाक सरकार के पास कोई जवाब नहीं है..भारत में आतंक के पर्याय और हमारी देश को लहूलुहान करने वाले कई गुनगार आज भी पाक सरजमीं पर काबिज है...जिसे पाक ने पनाह दे रखा है.. ओसामा बिन लादेन के रविवार रात इस्लामाबाद के नजदीक एबटाबाद में मारे जाने के बाद यह सवाल उठना वाजिब है..अमेरिकी खुफिया विभाग ने उसे ढ़ूंढ निकाला और बिना पाक सरकार को सूचना दिए ओसामा को सीआईए ने ऑपरेशन में मार गिराया..अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने वह कर दिखाया..जिसकी कल्पना पाक सरकार ने नहीं की थी..बताया जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने ओसामा के पाकिस्तान में होने की खबर के बाद मार्च और अप्रैल के महीने में एक गुप्त सुरक्षा बैठक की..ये बैठक करीब 5 से 6 बार की गई..इस बैठक में तय किया गया कि ओसामा के खिलाफ ऑपरेशन को कैसे अंजाम देना है..व्हाइट हाउस ने कन्फर्म किया कि ओसामा बिन लादेन के लोकेशन की पहली पुख्ता जानकारी साल 2010 के नवंबर और फरवरी 2011 के मध्य में मिली..अमेरिकी खुफिया एजेंसी को शक तब हुआ जब ओसामा जिस कोठी में रह रहा था उसकी बाहरी सुरक्षा बहुत जबरदस्त थी..कोठी के बाहर और अंदर में लोगों के मूवमेंट पर रोक थी..इस घर में कोई इंटरनेट कनेक्शन नहीं था और नहीं कोई टेलीफोन कनेक्शन..ओसामा जहां रह रहा था उस कोठी की बाहरी दीवार 12 से 18 फीट ऊंची थी..जहां पाक सेना से रिटायर्ड मिलिट्री अधिकारी इस विशाल घर में रहा करते थे..इस तमाम आधारों के आधार पर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी और इंटेलीजेंस एजेंसी ने ओसामा को ढूंढ निकाला और रविवार की रात सीआईए ऑपरेशन में मार गिराया..ये ऑपरेशन 40 मिनट तक चला..अल जजीरा की खबरों की माने तो ओसामा बिन लादेन यहां पर पिछले पांच साल से रह रहा था..ओसामा के बारे में कहा जाता है कि वो ह्यूमन कोरियर के माध्यम से अपना संदेश दिया करता था..वो मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करता था..
अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखता है जो दुनिया के सबसे अमीर लोगों में हैं..उसका परिवार सऊदी अरब के सबसे परिवारों में से एक है..ओसामा का घराना बिन लादेन परिवार सऊदी अरब के बादशाह के परिवार से संबंध रखता है..यह अरबों डॉलर की संपत्ति का मालिक है.यह सारी दौलत उस परिवार ने कच्चे तेल के व्यापार, कंस्ट्रक्शन, इक्विटी मार्केट वगैरह से कमाई है..हर साल उसे पांच अरब डॉलर की अपने बिज़नेस से आय होती है..ओसामा के पिता मुहम्मद बिन अवाद लादेन यमन के रहने वाले थे और उन्होंने सऊदी अरब में काम शुरू किया जहां देखते-देखते वह बादशाह के प्रिय लोगों में शामिल हो गए..उन्होंने मुसलमानों के पवित्र शहर मक्का के पुनर्निर्माण में मदद की और काफी दौलत कमाई..उनकी 22 बीवियां और 54 बच्चे थे..ओसामा भी उनमें एक था..ओसामा शुरू में रॉल्स रॉयस जैसी लग्जरी कारों में चलता था...उसने अपने परिवार से मिली दौलत को अल कायदा को मजबूत करने में लगाया..उसके परिवार ने उसकी हरकतों से तंग आकर उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया..बिन लादेन समूह ने दुनिया की बड़ी कंपनियों मसलन माइक्रोसॉफ्ट, बोइंग वगैरह में काफी दौलत लगाई है..इतना ही नहीं उसने हार्वड यूनिवर्सिटी को भी बड़ा डोनेशन दिया था..भारतीय कंपनी मेटास इंफ्रा में भी कंपनी ने पैसे लगाए हैं..बिन लादेन घराना ओसामा से बिल्कुल अलग काम करता रहा क्योंकि उन्होंने उसे 1994 में अधिकृत रूप से परिवार से निकाल दिया था...उनके कई मकान लंदन, बोस्टन जैसे शहरों में हैं..
फिलहाल ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मारे जाने पर भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं.भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मारे जाने से सम्बद्ध अमेरिकी बयान का हवाला देते हुए सोमवार को पाकिस्तान में आतंकवादियों को मिल रही पनाह पर चिंता जाहिर की है..केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदम्बरम ने एक बयान में कहा कि अमेरिका सरकार ने भारत को सूचित किया है कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के किसी दूरवर्ती इलाके में मारा जा चुका है..चिदम्बरम ने कहा कि यह तथ्य हमारी इस चिंता की पुष्टि करता है कि विभिन्न संगठनों से सम्बंधित आतंकवादियों को पाकिस्तान में पनाह मिल रही है..चिदम्बरम ने कहा कि अमेरिकी बयान के उस हिस्से को हम गहरी चिंता के साथ लेते हैं, जिसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि जिस मुठभेड़ में ओसामा बिन लादेन मारा गया, वह मुठभेड़ पाकिस्तान के सुदूर इलाके एबटाबाद में हुई है..इस संदर्भ में चिदम्बरम ने 26/11 के मुम्बई हमले के षडयंत्रकारियों के अभी तक पाकिस्तान में होने का मुद्दा उठाया..उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि मुम्बई हमले के षडयंत्रकारियों को लगातार पाकिस्तान में पनाह मिल रही है...चिदम्बरम ने कहा कि भारत सरकार, पाकिस्तान सरकार से मांग करती है कि वह उन व्यक्तियों को गिरफ्तार करे, जिनके नाम आंतरिक मंत्रालय को सौंपे गए हैं, साथ ही उन व्यक्तियों को भी गिरफ्तार करे, जिनकी आवाज के नमूने उपलब्ध कराए गए हैं...गृह मंत्री पी चिदंबरम ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है, “ये हमारी चिंताओं को बल देता है कि पाकिस्तान कई संगठनों से जुड़े आतंकवादियों को पनाह दे रहा है.”विज्ञप्ति में कहा गया है, कि भारत को यकीन है कि 26/11 मुंबई हमलों के साज़िशकर्ताओं और हमलावरों को अब भी पाकिस्तान में शरण मिली हुई है.
चिदंबरम ने पाकिस्तान से दोबारा अपील की है कि भारत ने हमले से जुड़े जिन लोगों के नामों की सूची पाकिस्तान को दी है, उन्हें पाकिस्तान गिरफ्तार करे.साथ ही गृह मंत्री ने आतंकवादियों के सहायक होने में संदिग्ध लोगों की आवाज़ों के नमूने भारत को दिए जाने की मांग भी दोहराई है.भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से भी एक विज्ञप्ति जारी की गई है जिसमें कहा गया है, “विश्व को आतंकवाद से निपटने और हमारे पड़ोस में आतंकियों को पनाह देनेवालों के खिलाफ अपने संयुक्त प्रयास जारी रखने चाहिएं.”विज्ञप्ति में ओसामा का मारा जाना आतंकवाद के खिलाफ विश्व की लड़ाई का एक ऐतिहासिक पल बताया गया है.विदेश मंत्रालय ने कहा है, “पिछले सालों में आतंकी गुटों ने हज़ारों पुरुष, महिलाओं और बच्चों की जान ली है, उनके खिलाफ विश्व का अभियान जारी रहना चाहिए.” भारत में नवंबर 2008 में हुए मुंबई हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे जिनमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक भी शामिल थे. भारत पहले भी पाकिस्तान पर इस मामले में ठोस कार्रवाई न करने के आरोप लगाता रहा है जिनसे पाकिस्तान लगातार इनकार करता रहा है.पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के सिलसिले में अपने सात नागरिकों को अभियुक्त बनाया है लेकिन मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है.
अमेरिकी धरती पर अब तक के सबसे भीषण आतंकवादी हमले का सूत्रधार और दुनिया का सर्वाधिक वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के जीवन से जुड़ी कुछ अहम घटनाएं इस प्रकार हैं.
-1957 सउदी अरब में लादेन का जन्म. वह निर्माण उद्यमी मुहम्मद अवाद बिन लादेन के 52 बच्चों में से 17वां था.
-1979 युवा बिन लादेन मुजाहिदीन नाम से पहचाने जाने वाले लड़ाकों की मदद के लिए अफ़गानिस्तान गया. लादेन एक गुट का मुख्य आर्थिक मददगार बन गया, जो बाद में अल कायदा कहलाया.
-1989 अफ़गानिस्तान में सोवियत संघ के हटने के बाद लादेन परिवार की निर्माण कंपनी के लिए काम करने के उद्देश्य से सउदी अरब लौट गया. यहां उसने अफ़गान युद्ध में मदद के उद्देश्य से अपने साथियों से कोष जुटाना शुरू कर दिया.
-1991 सरकार विरोधी गतिविधियों के चलते उसे सउदी अरब से निष्कासित कर दिया गया. सउदी अरब ने उसकी और उसके परिवार की नागरिकता को वापस ले लिया. उसने सूडान में शरण ली.
-1993 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर बम गिरा, छह की मौत, सैकड़ों घायल. इस संबंध में छह मुस्लिम कट्टरपंथी दोषी ठहराए गए. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, इनके संबंध लादेन से थे.
-1995 नैरोबी और तंजानिया के दार ए सलाम में अमेरिकी दूतावासों के बाहर बम विस्फ़ोट, 224 की मौत.
-1996 अमेरिकी दबाव के कारण सूडान ने लादेन को निष्कासित किया. लादेन अपने 10 बच्चों और तीन बीवियों को लेकर अफ़गानिस्तान पहुंचा. यहां उसने अमेरिकी बलों के खिलाफ़ जिहाद की घोषणा की.
-1998 अमेरिका की एक अदालत ने दूतावासों पर बमबारी के आरोप में लादेन को दोषी ठहराया. उसके सिर पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा गया.
-2000 यमन में एक आत्मघाती हमले में 17 अमेरिकी नाविकों की मौत.
-2001 अल-कायदा प्रमुख ने 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर्स और पेंटागन पर हमला किया, 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत. इस हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने लादेन का नाम मुख्य संदिग्ध के तौर पर घोषित किया. अमेरिकी सुरक्षा बल अफ़गानिस्तान स्थित तोरा-बोरा की पहाड़ियों में छिपे लादेन को मारने में असफ़ल रहे. खबरों के मुताबिक, लादेन पाकिस्तान भागा.
-2002 अमेरिका नीत सैन्य अभियान तेज हुआ. गठबंधन बलों ने मैदानी सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई. लादेन पर्दे के पीछे रहा, लेकिन कुछ समय बाद अल-जजीरा ने उसकी आवाज वाले दो ऑडियो टेप प्रसारित किए. अमेरिकी खुफ़िया अधिकारियों के मुताबिक, ये रिकॉर्डिंग प्रामाणिक थी.
-2003 ओसामा की दुनिया भर के मुसलमानों से अपील, अपने मतभेद दूर करके जिहाद में भाग लें.
-2004 चार जनवरी को, अल-जजीरा ने दोबारा लादेन के टेप जारी किए. मार्च में अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने अफ़-पाक सीमा के पास लादेन के लिए खोज अभियान और तेज किया.
-2009 अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा कि अधिकारियों के पास कई ‘सालों’ से लादेन के पते के बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है.
-2011 अमेरिका ने इस्लामाबाद के पास एक विशेष अभियान में लादेन को मार गिराया.
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