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Showing posts from June, 2010

नए ज़माने के कलेवर में रावण...

बहुप्रतीक्षित रावण दर्शकों के बीच पहुंच गई है...महाभारत का आऊटपुट लिए रावण इस साल की दूसरी वैसी फिल्म है जो किसी महाकाव्य से प्रेरित है..मणिरत्नम ने अपनी इस फिल्म के द्वारा रामायण को नए ज़माने के कलेवर में रंग कर एक नए रूप में प्रस्तुत किया है..पांचों मुख्य पात्रों बीरा ( अभिषेक बच्चन ) रावण या रॉबिन हुड , देव ( विक्रम ) राम , रागिनी ( ऐश्वर्या राय ) सीता , मंगल ( रवि किशन ) लक्ष्मण और फॉरेस्ट गार्ड ( गोविंदा ) हनुमान रामायण के पात्रों की भूमिका में है..यहां बीरा की कैद में होने के बावजूद रागिनी रावण की और आकर्षित होने लगती है तो रागिनी के पति बने देव फिल्म में स्टार्ट टु लास्ट विलेन नजर आते हैं.....बाकी पात्रों में भी रामायण के चरित्रों की समानताएं रखी गई हैं...मणि रत्नम इस फिल्म के अनेक दृश्यों में रामायण के निर्णायक प्रसंग ले आते हैं..मणिरत्नम एक ऐसे फिल्मकार हैं जो अपनी फिल्मों में सिर्फ कलाकारों से ही बढ़िया अभिनय करवाने की क्षमता नहीं रखते बल्कि उनकी फिल्म के दृश्य भी संवाद पैदा करते हैं..मणि रत्‍‌नम देश के शिल्पी फिल्मकार हैं..उनकी फिल्में खूबसूरत होती हैं और देश के अन देखे लोके

'राजनीति' की राजनीति

प्रकाश झा ने राजनीति जैसे विषय़ को काफी चतुराई के साथ पर्दे पर उतारा है..जिसमें महाभारत काल से लेकर अब तक की भारतीय राजनीति की साफ झलक इसमें मिलती है..राजनीति कोई नया विषय नहीं है.लेकिन इस फिल्म में नए कलेवर के साथ पुराना तड़का भी है.जो फिल्म को  दर्शकों से  बांधे रखती है.जब प्रकाश झा ने राजनीति की शूटिंग प्रारंभ की तो यह बात फैली कि यह फिल्म सोनिया गांधी के जीवन पर आधारित है.प्रदर्शन के कुछ माह पहले तक जोर-शोर से इसकी ही चर्चा रही.लेकिन जब राजनीति रूपहले पर्दे पर आई तो कहते देर न लगा कि नए कलेवर में महाभारत को दर्शकों के सामने पेश किया गया.जिसमें गाँधी परिवार के कुछ किरदारों के ईद-गिर्द इसे रखा गया है...कैटरीना की चाल-ढाल सोनिया से प्रेरित लगती है..और कैटरीना कैफ के चरित्र का नाम इंदु है.जिससे इंदिरा गांधी का भ्रम पैदा होता है..कभी-कभी ऐसा लगता है कि इंदिरा और सोनिया दोनों की झलक इंदु के किरदार में है..इस पूरे भ्रमजाल में फिल्म की कथा का सोनिया गांधी, राहुल गांधी और इंदिरा गांधी से कोई लेना-देना नहीं है..यहां तक कि अर्जुन रामपाल अभिनीत पात्र का भी संजय गांधी से कोई लेना-देना नहीं है, प

लंबी लड़ाई...मिला कुछ नहीं !

दो दशक बाद आया दुनिया की सबसे विनाशकारी औद्योगिक दुर्घटना पर फैसला..23 साल तक चली सुनवाई, 178 लोगों की गवाही और तीन हज़ार से ज्यादा पन्नों के दस्तावेजों से गुजरने के बाद स्थानीय अदालत ने दोषियों को दो-दो साल की सजा का फैसला सुनाया.गैस त्राषदी के लिए जिम्मेदार बताए जाने वाले नौ आरोपियों में से एक की तो मौत भी हो चुकी है, लिहाजा बाकी के आठ को दोषी करार दिया गया.मामूली धाराएं होने के कारण सभी आरोपियों को जमानत भी मिल गई.जो चोरी-छिपे भोपाल कोर्ट से निकल गए...दोषियों में यूनियन कारबाइड इंडिया के हेड केशब महेंद्रा समेत विजय गोखले, किशोर कामदार, जे मुकुंद, एसपी चौधरी, केवी शेट्टी और एसआई कुरैशी शामिल हैं. अदालत ने माना कि इन लोगों की लापरवाही के चलते ही गैस कांड जैसा विनाशकारी हादसा हुआ. यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के प्लांट के डिजायन में भारी कमियां थीं, दुर्घटना इसी के चलते हुई. हादसे से दो साल पहले अमेरिकी विशेषज्ञों की एक टीम ने सुरक्षा संबंधी कई कमियां बताई थीं लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया गया. लापरवाही और अनदेखी की वजह दो दिसबंर 1984 की रात भोपाल गैस हादसा हुआ. यूनियन कारबाइड इंडिया ल