30 अक्टूबर रविवार दोपहर 3 बजे जिगर थाम के बैठने का समय आ गया था..जब इंडियन ग्रांप्री फॉर्मूला वन रेस में रविवार को विश्व के शीर्ष 24 फॉर्मूला वन ड्राइवरों के बीच रफ्तार की बादशाहत के लिए जबरदस्त होड़ देखने को मिली..क्रिकेट, हॉकी, कुश्ती, मुक्केबाज़ी, तैराकी, तीरदाज़ी तरह-तरह के खेलों से हम अच्छी तरह वाकिफ हैं..लेकिन भारत में इन दिनों जिस खेल की चर्चा है..वो है फ़ॉर्मूला वन.दरअसल 30 अक्तूबर को भारत में पहली बार फ़ॉर्मूला वन रेस आयोजित किया गया था..इसके लिए विशेष ट्रैक बनाया गया..इस रेस के दौरान कारें जब ३०० किमी./घंटा की रफ्तार से ट्रैक पर गुजरी तो उसके रोमांच को चाहे वो टीवी पर लाइव देख रहे हों..य़ा सजीव आंखों से..सभी कारों की कानफाड़ू गर्जना, हाई स्पीड फ्यूल से निकलता घना धुआं, ट्रैक पर उड़ती धूल और ट्रैक पर घिसटते टायरों के निशान के बीच जो ड्राइवर सबसे तेज समय निकालने में सफल हो रहा था..उसे देखकर सब आश्चर्यचकित हो रहे थे..इस खेल के बारे में मैंने बीबीसी से कुछ जानकारियां इक्ट्ठी की..जिससे मुझे इस खेल के बारे में कई रोचक बातें जानने को मिली.. फ़ार्मूला वन ये खेल मोटर स्पोर्ट्स का हि
अफसानें होते हैं... सुनने और सुनाने के.. पढ़ने और पढ़ाने के... आपका, मेरा मेरी जिंदगी का... मेरी पत्रकारिता का... यह अफसाना कहता हूँ सुनाता हूँ जो खोया है वो बताता हूँ कहां-कहां से ढूँढ़ता हूँ मिलते हैं जहाँ जहाँ से सिर्फ-सिर्फ अफसानें हमारे तुम्हारे मिलते हैं मुस्कुराते हैं अफसाने और कुछ कह जाते हैं अफसाने