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Showing posts from September, 2009

लाइव एनकाउंटर ऑन द टेलीविजन !

आज की नई पीढ़ी कल्पना में जी रही है...फेंटेसी में यह नई-नई कहानियां बुनते रहते हैं...कभी स्पाइडर मैन...कभी सुपर मैन बनकर यह दूसरों से लड़ते हुए अपने-आप को सपने में देखते हैं..लेकिन जब सपना टूटता है..तो इन्हें अपने हकीकत का एहसास होता है....लेकिन कभी-कभी सपनों को यह हकीकत का अमलीजामा पहनाने की कोशिश करते हैं...जिसके कारण ये सलाखों के पीछे भी पहुँच जाते हैं...ऐसा ही कुछ हुआ है..रायपुर के स्कूली छात्र सुमेर सिंह के साथ...जो इसी फेंटेंसी करेक्टर की चक्कर में आज पुलिस की गिरफ्त में पहुँच चुका है..दरअसल यह महोदय एक न्यूज चैनल दफ्तर पहुँचकर खुद को सीबीआई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बता रहे थे..इनके मुताबिक अब तक 28 एनकाउंटर करने के बाद इन्हें कोलकाता से छत्तीसगढ़ में नक्सली एनकाउंटर करने के लिए भेजा गया है...पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो उनके होश गुम हो गए..गिरफ्तारी के बाद सारा माजरा समझ में आया...पुलिस ने मीडिया बनकर इस सीबीआई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को पकड़ा... अब तक छप्पन, शूटआऊट एट लोखणंडवाला....जैसी फिल्मों से इंस्पायर यह जनाब खुद को सीबीआई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बताते हैं..इन्हें नक्सलियों का लाइव

हादसे पर पत्रकारिता और चाटुकारिता

कोरबा और वहां हुई हादसे की लाइव कवरेज करने मैं रायपुर से यहां पहुँचा. यहां हुई औद्योगिक त्रासदी एक बार फिर भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला गई. लेकिन इस त्रासदी ने मेरे अन्तर्मन को झकझोर कर रख दिया. यहां मीडिया के खिलाफ पहले ही तानाबाना बुना जा चुका था. कुछ मजदूरों के मॉब को मीडिया के खिलाफ भड़का कर मीडिया पर भी दबाव बनाने की कोशिश की गई. लेकिन मैं और मेरे साथ गए एक अन्य चैनल के वरिष्ठ पत्रकार ने उस मॉब को बखूबी संभाला. कहने को तो ये मजदूरों के हितैषी थे. लेकिन कहीं से भी इनके चेहरे पर हुई त्रासदी की खौफ नहीं दिख रही थी. यह वह ग्रुप था जो कंपनी प्रबंधन द्वारा तैयार करके घटनास्थल पर मीडिया के खिलाफ साजिश रचने की जुगत में जुटा हुआ था. ये बार-बार लाइव के समय कैमरे के पास आकर मीडिया को बरगलाने की कोशिश कर रहे थे. मना करने के बाद भी यह अनाप-सनाप बोलने से बाज नहीं आते. ऐसे में इन्हें संभाल पाना काफी मुश्किल था. लेकिन इन सबके बीच ऐसे माहौल में पूरे घटनाक्रम और सच्चाई को सामने लाने के लिए हमारी इच्छाशक्ति बढ़ती ही जा रही थी. हम एक के बाद एक यहां जारी खामियों को उजागर कर रहे थे. चाहे वह सरकार की ल