शासन-प्रशासन को था मौत का इंतजार... रीयल लाइफ की नत्था जैसी स्टोरी में नहीं बच सका कुछ... नत्था जैसे सभी किरदार भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ गए : छत्तीसगढ़ के भिलाई में शासन और प्रशासन कुछ लोगों के मौत का इंतजार करता रहा.. जिन्होंने कुछ दिन पहले अपने-आप को कमरे में कैद कर मौत को गले लगाने का फरमान जारी किया था.. लेकिन मौत के इस फरमान के बाद न प्रशासन जगा.. न वे लोग जागे जिनकी वजह से इन सभी को आत्मघाती कदम उठाना पड़ा.. मीडिया में यह खबर लगातार सुर्खियों में बनी रही.. लेकिन शासन और प्रशासन में बैठे लोग इसे ब्लैकमेलिंग का नाम देते रहे.. तो कोई अपनी मांग मनवाने का नया तरीका.. दरअसल भिलाई में नौकरी न मिलने से परेशान एक परिवार के पांच सदस्यों ने जहर खा लिया.. जहर खाने से परिवार के चार सदस्यों की तो मौके पर मौत हो गई जबकि एक जिदंगी और मौत के बीच संघर्ष करता रहा. मरने वालों में मां और तीन बेटियां शामिल हैं.. तीनों बेटियों ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें उन्होंने सेल की भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारियों को उनकी मौत का जिम्मेदार बताया है. सुसाइट नोट मिलने के बाद भी बीएसपी के अधिकारियो
अफसानें होते हैं... सुनने और सुनाने के.. पढ़ने और पढ़ाने के... आपका, मेरा मेरी जिंदगी का... मेरी पत्रकारिता का... यह अफसाना कहता हूँ सुनाता हूँ जो खोया है वो बताता हूँ कहां-कहां से ढूँढ़ता हूँ मिलते हैं जहाँ जहाँ से सिर्फ-सिर्फ अफसानें हमारे तुम्हारे मिलते हैं मुस्कुराते हैं अफसाने और कुछ कह जाते हैं अफसाने