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Showing posts from May, 2011

मौत के खतरे को उठाकर घटनास्थल पर पहुंची साधना की टीम

  नक्सली गढ़ से साधना न्यूज की लाइव तस्वीरें : समुद्र तल से 2500 फीट पर पहुँची साधना न्यूज की ओवी : नक्सलियों के दुर्गम इलाके गरियाबंद के आमामोरा की पहाड़ियों पर साधना न्यूज : साधना न्यूज ने छत्तीसगढ़ के दुर्गम नक्सली क्षेत्र गरियाबंद के आमामोरा के पहाड़ियों से लाइव दिखाकर अटकलों पर विराम लगाया. यह इलाका 2500 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है, जहां चारपहिया गाड़ी से पहुँचना जोखिम भरा है. पगडंडी रास्ते, पहाड़ की ऊंची-नीची राहें, नुकीले पत्थर, घुमावदार रास्ते, जहां एक छोटी सी चूक का मतलब मौत से सीधा सामना हो सकता है.ऐसे में इस रास्ते पर 42 किलोमीटर का सफर करना और घटनास्थल पर पहुँचना साधना न्यूज की टीम के लिए खतरों से कम नहीं था.ऊंची पहाड़ियों पर बढ़ते-बढ़ते कभी-कभी ऐसा लागता था कि बस अब नहीं, आगे नहीं जाया जा सकता. उस वक्त टीम का हर सदस्य एक-दूसरे का हौसलाअफजाई करते हुए ओवी को आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित कर रहा था. रात का सन्नाटा और कभी कभी अजीबोगरीब आवाजें. कहीं नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंग की चपेट में आने की अनहोनी. ये सभी बातें मन में उमड़-घुमड़ रही थी. कहीं-कहीं तो कच्ची राह

पत्रकारों ने बचाई पुलिस अधिकारी की जान

रायपुर में पुलिस दिखी लाचार.... पुलिस को पड़ गए जान के लाले.. अपने ही पुलिस अधिकारियों को छोड़ भाग खड़े हुए पुलिसकर्मी.. भीड़ के सामने पुलिस बेबस... मीडियाकर्मियों ने बचाई पुलिस अधिकारी की जान.. राजधानी के समीप मंदिरहसौद में एक हत्या के मामले में जमकर बवाल हुआ.. गांव वालों ने आरोपी अखिलेश मिश्रा औऱ उसके परिवार वालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहले उसके घर औऱ बाद में पुलिस वालों पर पथराव किया.. जिससे आरंग के थानेदार लालचंद मोहले सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.. मंदिरहसौद में आक्रोशित भीड़ के सामने पुलिस लाचार दिखी.. लिहाजा पुलिस वाले अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए.. वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने पुलिस वालों पर बरसते पत्थर से उन्हें बचाया और उन्हें अस्पताल तक पहुँचाने में मदद की. यहां मीडिया ने अपनी जवाबदारी समझी.. लेकिन पुलिस ने 4 मई को हुई घटना के बाद से अपनी जवाबदारी से मुंह मोड़ा.. जिसकी वजह से इतना बवाल खड़ा हुआ.. दरअसल मंदिर हसौद थाना अंतर्गत बजरंग चौक इलाके से 4 मई की रात एक युवक को गंभीर रूप से घायल अवस्था में सड़क पर पाया गया.. बाद में स्थानीय लोगों की सहायता से यु

आई एम इन हांटेड

भारत में गिनी-चुनी 3-डी फिल्में बनी हैं..अब थ्री-डी फिल्मों का दौर फिर शुरू हो गया है इसलिए वर्षों बाद हांटेड नामक 3-डी फिल्म जब सामने आई..तो इसे देखे बिना मैं नहीं रह सका...लेकिन इस फिल्म के देखने के साथ ही मेरे साथ ही इस फिल्म की पटकथा जैसी कुछ घटना घटी..जिसकी वजह से मैं उसे पल को शब्दों में बांध कर सहजने की कोशिश कर रहा हूँ...दरअसल इस फिल्म में नायक नायिका को बचाने के लिए अस्सी साल पहले जाता है.और अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर नायिका की जिंदगी संवार देता है..इस फिल्म को देखने के बाद मन में उतना भय तो नहीं हुआ..लेकिन फिल्म देख कर जब मैं बाहर निकला तो आसमान में गरजते-घुमरते बादलों से जमीन पर गिर रही बूंदों ने मन में जरूर भय पैद कर दिया..बेमौसम बारिश से जहां मई की चिल्लाती धूप से राहत मिली...वहीं मुझे यह भी खराब लग रहा था कि काफी मेहनत कर आज अपने रूम की सफाई करने के बाद कपड़े, जूत्ते, चादर और गद्दे धूप में डालकर फिल्म देखने आया था..मुझे यहां हांडेट के नायक से ईर्ष्या भी हो रही थी कि मैं भी नायक की तरह कुछ पल पीछे चला जाता और अपने मेहनत को इस तरह बारिश की बूंदों में बरबाद नहीं होने देता.

एक दशक में महाशक्ति द्वारा आतंक के महाप्रलय का अंत

आतंक का सबसे घिनौना चेहरा ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मारे जाने की खबर ने सभी को झकझोंर कर दिया है..विश्व के महाशक्ति को ओसामा बिन लादेन को मारने में दस साल का लंबा वक्त लग गया..वो भी उस जगह..जिस जगह पर ओसामा बिन लादेन के छिपे होने की संभावना पहले से जताई जाती रही है..लेकिन पाकिस्तान इससे हमेशा इंकार करता रहा..लेकिन अब जब पाकिस्तान की सरजमीं पर ओबामा मारा गया..तब पाक सरकार के पास कोई जवाब नहीं है..भारत में आतंक के पर्याय और हमारी देश को लहूलुहान करने वाले कई गुनगार आज भी पाक सरजमीं पर काबिज है...जिसे पाक ने पनाह दे रखा है.. ओसामा बिन लादेन के रविवार रात इस्लामाबाद के नजदीक एबटाबाद में मारे जाने के बाद यह सवाल उठना वाजिब है..अमेरिकी खुफिया विभाग ने उसे ढ़ूंढ निकाला और बिना पाक सरकार को सूचना दिए ओसामा को सीआईए ने ऑपरेशन में मार गिराया..अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने वह कर दिखाया..जिसकी कल्पना पाक सरकार ने नहीं की थी..बताया जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने ओसामा के पाकिस्तान में होने की खबर के बाद मार्च और अप्रैल के महीने में एक गुप्त सुरक्षा बैठक की..ये बैठक करीब 5 से 6 बार की ग