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Showing posts from October, 2010

वर्दी वाले इन गुंडों को औकात में कौन लाएगा

15 जवानों ने पत्रकार वैभव और सुरेंद्र पर अपना 'पौरुष' दिखाया : सड़क-सड़क पर गिरा-गिरा कर बुरी तरह पीटा : 'दबंग' फिल्म देखकर निकल रहे कप्तान ने गार्ड को मरवा दिया :  छत्तीसगढ़ पुलिस की दबंगई बढ़ती जा रही है. एक महीने पहले ही बिलासपुर में एसपी की मौजदूगी में सिनेमाघर के गार्ड पर कहर बरपाने के बाद वर्दी के इन गुंडों ने भिलाई के पत्रकार को अपना निशाना बनाया. ईटीवी के संवाददाता वैभव पांडे और जी24 घंटे के कैमरामैन इस बार पुलिसिया दंबगई के शिकार बने. 15-15 पुलिसवालों ने मिलकर लात-घूसे और लाठी-डंडों से पत्रकारों को पिटा. ईटीवी के संवाददाता पर पुलिसिया कहर इस तरह बरपी की वह इस समय भिलाई के एक निजी अस्पताल में भर्ती है. उसके दोनों हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं. पुलिसवालों की इस दबंगई के बाद भी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस बारे में कुछ खास चिंता नहीं जताई है. इस मामले की लीपा-पोती शुरू कर दी गई है. आखिर छत्तीसगढ़ पुलिस को किसने हक दे दिया है कि वह आम लोगों और आम लोगों की आवाज उठाने वाले पत्रकारों को अपना निशाना बनाये. नक्सल मामलों पर छत्तीसगढ़ पुलिस अभी तक फिसड्डी ही साबि

सलवा जुडूम का बदला मुखौटा...

नक्सलियों के खिलाफ एक अनोखी लड़ाई..जिसकी अगुवाई कर रहे हैं..बस्तर के कई लोग..यह लड़ाई है..बिना हथियार की..बिना बंदूक की..इस लड़ाई में नक्सलियों के खिलाफ गांधीगीरी तरीके से मुकाबला किया जाने का फैसला किया गया है..छत्तीसगढ के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में नक्सलवादियो के विरोध जन जागरण अभियान सलवा जुडूम के बाद अब गांधीगिरी की तैयारी की गई है..गांधी जंयती के अवसर पर गांधीगीरी की शुरूआत बस्तर के कुटरू गांव से किया गया.माओवादियों के खिलाफ पांच साल पहले शुरू हुआ सलवा जुडूम आंदोलन छठवें साल में दम तोड़ चुका है.इसके साथ ही अब इसे गांधीवाद का मुखौटा पहनाकर पुनर्जीवित करने की कोशिश शुरू की गई है..नया जामा पहनकर गांधी जयंती के दिन अब नए कलेवर में दंडकारण्य शांति संघर्ष समिति के नाम पर कुटरू इलाके के ग्रामीणों ने अहिंसक आंदोलन की विधिवत शुरुआत कर दी है..तमाम तरह के राजनीतिक और गैर राजनीतिक प्रतिरोधों के बाद धीरे-धीरे सलवा जुड़ूम आंदोलन की धार कमजोर पड़ने लगी..पांच साल पहले बीजापुर के कुटरू में ही हजारों ग्रामीणों ने माओवादियों के खिलाफ स्वस्फूर्त हथियार उठा लिए थे..कुटरू से फिर एक बार माओवादियों के