Skip to main content

ओबामा की इकॉनोमी यात्री

दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का भारत दौरा...जिसको लेकर पूरी दुनिया की नजर इस समय भारत पर है..आखिर दुनिया के इस ताकतवर शख्स को भारत क्यों आना पड़ा..वह भी ऐसे समय में जब अमेरिका आर्थिक मंदी से जूझ रहा है..भारत की मीडिया इस समय ओबामा की पल-पल की खबरें इकट्ठी कर रही है..सभी यही जानना चाहते हैं कि ओबामा की इस यात्रा पर किन-किन मसौदों पर खास चर्चा हुई..लेकिन लगता है अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबमा के दिल में भारत और चीन की आर्थिक तरक्की का खौफ कुछ ज्यादा ही बैठ गया है..तभी तो भारत यात्रा के पहले वो रोज अपने देश में किसी ने किसी वर्ग से भारत और चीन से मुकाबले के लिए तैयार होने की बात कहते आ रहे थे.अभीं हाल ही में ओबामा ने अपने देश के रिसर्च एंड डेवलपमेंट यानी आरएंडडी विभाग को खास तौर पर हिदायत दी कि वो भारत और चीन की बढ़ती कारोबारी हैसियत के मद्देनजर अपनी नीतियां बनाएं..और अब वे अपने देश के बच्चों से भी ऐसी बात करते नजर आएं..खासकर के बंगलुरू और बीजिंग के बच्चों को लेकर ओबामा ने अपने मुल्क के बच्चों को सावधान किया..पेंसिलवेनिया मैग्नेट स्कूल के एक समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे ओबामो ने स्कूली बच्चों को नसीहत देते हुए कहा कि बंगलुरू और बीजिंग के बच्चे जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं..ऐसे में उनके टैलेंट को चुनौती देने के लिए अमेरिकी बच्चों को भी काफी मेहनत करने की जरूरत है..ओबामा ने यह भी कहा..ऐसा पहली बार हुआ जब भारत और चीन जैसे देश आर्थिक तरक्की के मामले में अमेरिका को कड़ी चुनौती दे रहे हैं..ऐसे में हर अमेरिकी को अपने टैलेंट को ज्यादा से ज्यादा निखारने की जरूरत है...अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अब ये खुले दिल मान लिया है कि वाकई भारत में दम है...आर्थिक तरक्की के मामले में भारत और चीन अमेरिका को कड़ी चुनौती दे रहे हैं इसक बात को कबूल करते हुए ओबामा ने माना कि भारत और चीन में बहुत टैलेंटेड लोग हैं..और इन्ही टैलेंटेड लोगों के सहारे ये दोनों देश तेजी से तरक्की कर रहे हैं...वहीं अमेरिका की मौजूदा आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए ओबामा ने स्वीकार किया कि उनके देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है..बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है और महंगाई आसमान छू रही है..अर्थव्यवस्था में सुधार भी बेहत धीमी गति से हो रहा है..ऐसे में इसे दोबारा पटरी पर लाने और भारत और चीन से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए सबको जी तोड़ मेहनत करने की जरूरत है...इन्हीं जरूरतों को समझते हुए ओबामा ने तेजी से बढ़ रहे देशों की ओर रूख किया है..ओबामा ने विमान एयर फोर्स वन में उड़ान भरने से पहले स्वाकीर किया कि भारत जाने के पीछे उनका मकसद अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है...जानकार इस बात को मान रहे हैं कि ओबामा अमेरिकी कंपनियों के लिए नया बाज़ार और बेरोजगारी से जूझते अमेरिकी लोगों के लिए नई नौकरियों की तलाश में भारत आए हैं..इस बात की संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका अगले पांच सालों में अमेरिका से भारत में होने वाला निर्यात दो गुना करना चाहता है..रक्षा सौदों पर ओबामा की नज़र है, जिसके जरिए वे अमेरिका में नौकरियां पैदा करना चाहते हैं..अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की टीम को पूरी उम्मीद है कि भारत में उन्हें अरब डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट मिलेंगे..ओबामा की टीम मुख्य तौर पर भारतीय सेना को हथियार सप्लाई करने के प्रयास में है..भारत की सेना को ज्यादा सप्लाई रूस से होती है..वहां से ही लड़ाकू जहाज खरीदे जाते हैं लेकिन अब अमेरिका उन्हें हथियाना चाहता है..इससे बोइंग, लॉकहीड मार्टिन को ऑर्डर मिलेंगे और वहां नौकरियां बढ़ेंगी..अमेरिका की नज़र भारत से होने वाले करीब 10 अरब डॉलर के रक्षा सौदे पर है..अमेरिकी एजेंडे में व्यापार सबसे अहम है, इसी वजह से पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी भारत-यात्रा की शुरूआत भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई से कर रहा है..मुंबई पहुंचने के बाद ओबामा सबसे पहले 200 अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधी के साथ भारत के बड़े उद्योगपतियों से मुलाकात किया..मुंबई दौरे के दौरान ओबामा महात्मा गांधी के पूर्व निवास मणिभवन भी गए, इस इमारत में गांधीजी 1917 से 1934 तक रहे थे..अपने मुंबई दौरे के दौरान ओबामा ताज होटल में ठहरें..मुंबई में आतंकी हमले का शिकार हुए ताज होटल में ठहरकर दरअसल बराक ओबामा ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ एकजुटता दिखाने का प्रयास किया है..अपनी इस 10 दिवसीय यात्रा के दौरान ओबामा भारत के अलावा इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान के दौरे पर हैं..ओबामा ने अपने पहले आधिकारिक भारत दौरे के लिए रवाना होने के ठीक पहले साफ कहा है कि उनकी नजर भारत के बाजार पर है..व्हाइट हाउस में कैबिनेट समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में ओबामा ने कहा कि उनके एशिया दौरे का मकसद अमेरिका में रोजगार के नए अवसर पैदा करना होगा..इन सभी बातों से लग रहा है कि दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका अब तक आर्थिक मंदी से उबर नहीं पाया है..अमेरिका में 10 फीसदी लोग बेरोजगार हैं और यह आंकड़ा फिलहाल कम होता नहीं दिख रहा..ऊपर से एक और आर्थिक मंदी का डर भी अमेरिका को सता रहा है..इन्हीं वजहों ने मध्यावधि चुनाव में ओबामा की लुटिया डुबो दी..उन्होंने अमेरिकी संसद के निचले सदन की चाभी खो दी..अब तक स्वास्थ्य सुधारों पर पूरी ताकत झोंकनेवाले ओबामा को अब हर हाल में अमेरिका में रोजगार के निर्माण को प्राथमिकता देनी है..जिसे देखते हुए इस यात्रा का मसौदा तैयार किया गया..भारतीय उद्योग जगत की मानें तो भारत और अमेरिका एक-दूसरे के मुल्कों में नौकरियां बचा रहे हैं..भारतीय उद्योग संघ फिक्की और अर्नेस्ट एंड यंग ने ओबामा के दौरे के पहले एक रिपोर्ट जारी की..जिसमें कहा गया है कि भारत अमेरिका का अहम व्यापारिक सहयोगी साबित होगा..रिपोर्ट के मुताबिक 2004 से 2009 के बीच भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में भारी निवेश किया है, जिससे वहां 40,000 नौकरियां बची हैं या आई हैं..भारतीय कंपनियों का दबदबा आज हर ओर बढ़ा है..साथ ही भारत अमेरिकी राजनीतिक संबंधों को परमाणु समझौते के बाद नया आयाम भी मिला..बावजूद इसके आर्थिक रिश्ते आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर हमेशा खट्टे-मीठे रहे..भारतीय आईटी क्षेत्र आउटसोर्सिंग को लेकर अमेरिका के तेवरों से खुश नहीं था..अमेरिकी वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2003 के मुकाबले 2009 में भारत और अमेरिका के बीच कारोबार दोगुना बढ़कर 37 अरब डॉलर हो चुका है, जबकि चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में ही दोनों मुल्कों के बीच 32 अरब डॉलर का कारोबार हो चुका है..बराक ओबामा की इस यात्रा के दौरान एक और खास बात देखने को मिली..जिसको सुनकर औऱ देखकर हम सभी अचंभित हो गए..क्योंकि जो सुरक्षा इंतजाम बराक ओबामा के लिए किया गया था..वह इंतेजाम एक आम आदमी की कल्पना से भी परे हैं..मुंबई का आलीशान ताज हेरिटेज होटल, जहां देश का एक आम आदमी एक रात गुजारने के सपने देखता है..ओबामा भी इसी होटल के प्रेसीडेंशियल सुईट में एक रात गुजारें..लेकिन ओबामा का जलवा ऐसा कि इस सुईट के साथ-साथ इस पूरे होटल और एक दूसरे होटल ग्रैंड हयात के सभी 800 छोटे बड़े कमरे भी उनके और उनके साथ आने वाले तकरीबन 300 स्टाफ के लिए बुक कराया गया..धरती पर ओबामा जहां भी चलें..व्हाइट हाउस के अधिकारियों के साथ शानदार लिमोजीन कारों का काफिला उनके साथ चलता नजर आय़ा..मुंबई दौरे के दौरान ओबामा भले ही ज्यादा वक्त जमीन पर उतरे हों..लेकिन उनकी शान बढ़ाने के लिए 34 बड़े जहाज समंदर के चप्पे चप्पे पर तैनात नजर आए..इसी समंदर के रास्ते आंतकियों ने मुंबई में 26-11 के हमलों को अंजाम दिया था सो व्हाइट हाउस मिस्टर प्रेसीडेंट की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरतना चाहता..ओबामा के शानदार एयरफोर्स वन के मुंबई एयरपोर्ट पर उतरते ही उनकी सुरक्षा का तामझाम शुरू हो गया..खासतौर पर किसी वीवीआईपी मूवमेंट पर टेकऑफ और लैंडिंग से 3-3 मिनट पहले और बाद ही किसी विमान को उड़ने की इजाजत दी जाती है..लेकिन ओबामा खास हैं इसलिए उनके विमान की लैंडिंग और टेकऑफ से 6 मिनट पहले और 6 मिनट बाद ही किसी विमान को उड़ान भरने की इजाजत दी गई..
एयरफोर्स वन, यानी वह विमान जिससे सफर करता है दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स..ये विमान खासतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए तैयार किया गया है..माना जाता है कि ये विमान दुनिया का सबसे महंगा विमान है.. इस विमान पर एक धंटे की उड़ान का खर्च करीब 68,000 डॉलर बैठता है...नीले और सफेद रंग का ये विमान देखने में तो खूबसूरत है ही, इसमें एशो-आराम और सुरक्षा के लिहाज से भी कोई कमी नहीं है..इस विमान में 4000 स्क्वायर फीट का एरिया है..इस विमान में कुल 85 टेलीविजन सेट्स लगे हुए हैं..इतना ही इस विमान में कॉंफ्रेंस हॉल, डायनिंग रूम और एक शानदार किचन भी है, जहां 100 लोगों के लिए खाना तैयार किया जा सकता है..इस विमान में अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए एक खास प्रेसिडेंशियल सुइट भी बनाना गया है..इसमें उनका दफ्तर, लग्जरी बाथरुम और बेडरूम मौजूद है..मेडिकल सुविधाओं की बात की जाए तो यहां एक मेडिकल सुइट भी उपलब्ध है जिसे जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन थियेटर में भी बदला जा सकता है..विमान में हर सफर के दौरान एक डॉक्टर भी मौजूद रहता है..एयरफोर्स वन में अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ सफर करने वाले उनके अधिकारियों और मीडिया के लिए भी कमरे मौजूद हैं..सुरक्षा की बात की जाए तो कहा जा सकता है कि एयरफोर्स वन की सुरक्षा अभेद्य है..इस पर किसी मिसाइल से भी हमला नहीं किया जा सकता है..इस खास विमान में अत्याधुनिक रेडियो सिस्टम और रडार लगा हुआ है..एयरफ़ोर्स-वन के रखरखाव की जवाबदेही प्रेसीडेंशियल एयरलिफ़्ट ग्रुप करता है, जो ह्वाइटहाउस के सैन्य कार्यालय का एक हिस्सा है..विमान एंड्र्यूज एयरफ़ोर्स बेस पर हर वक़्त चाकचौबंद स्थिति में तैयार होता है, और उड़ान से पूर्व काफ़ी बारीक़ी से एक-एक हिस्से की सघन जांच की जाती है..ओबामा की काफिले में शानदार कैडिलैक लिमोजीन कार भी खास रही..ओबामा अपने मरीन वन हेलिकॉप्टर में बैठकर सीधे कोलाबा में इंडियन नेवी के हेलीबेस पर उतरें..और यहां से अपनी शानदार कैडिलैक लिमोजीन में बैठकर 40 कारों के काफिले के साथ ताज होटेल तक का चंद कदम का फासला तय किया..

Comments

Popular posts from this blog

मीडिया का व्यवसायीकरण

  मीडिया का व्यवसायीकरण होता जा रहा है..व्यासायी घराने अपना हित साधने के लिए मीडिया और उसके संसाधनों का जबरदस्त दोहन कर रहे हैं...उनके हित के आगे खबरों की कोई अहमियत नही..चाहे वह खबर सामाजिक सारोकार से ही जुड़ा हुआ मुद्दा क्यों न हो...जब हम लोगों को एक पत्रकार के रूप में दायित्वों को बताया गया तब हमने सोचा  था कि हम अपने दायित्वों के लिए किसी से समझौता नहीं करेंगे...लेकिन दायित्वों का पढ़ाया गया पाठ अब किताबों तक ही सीमित रह गया है...कौन सी खबर को प्रमुखता से दिखाना है..और कौन सी खबर को गिराना है...ये वे लोग निर्धारित करने लगे हैं..जिनका पत्रकारिता से कोई सारोकार नहीं है...आज का पत्रकार सिर्फ कठपुलती बन कर रह गया है...डमी पत्रकार..इन्हें वहीं करना है...जो व्यसायी घराने के कर्ता-धर्ता कहें..मीडिया के व्यवसायीकरण ने एक सच्चे पत्रकार का गला घोंट दिया है..घुटन भरे माहौल में काम की आजादी छीन सी गई है..व्यवसायी घरानों ने मीडिया को एक जरिया बनाया है..जिसके जरिए वह सरकार तक अपनी पहुँच बना सके..और अपना उल्लू सीधा कर सके..अपना हित साधने के लिए इन्होंने मीडिया को आसान जरिया चुना है...मीडिया के इस

लाइव एनकाउंटर ऑन द टेलीविजन !

आज की नई पीढ़ी कल्पना में जी रही है...फेंटेसी में यह नई-नई कहानियां बुनते रहते हैं...कभी स्पाइडर मैन...कभी सुपर मैन बनकर यह दूसरों से लड़ते हुए अपने-आप को सपने में देखते हैं..लेकिन जब सपना टूटता है..तो इन्हें अपने हकीकत का एहसास होता है....लेकिन कभी-कभी सपनों को यह हकीकत का अमलीजामा पहनाने की कोशिश करते हैं...जिसके कारण ये सलाखों के पीछे भी पहुँच जाते हैं...ऐसा ही कुछ हुआ है..रायपुर के स्कूली छात्र सुमेर सिंह के साथ...जो इसी फेंटेंसी करेक्टर की चक्कर में आज पुलिस की गिरफ्त में पहुँच चुका है..दरअसल यह महोदय एक न्यूज चैनल दफ्तर पहुँचकर खुद को सीबीआई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बता रहे थे..इनके मुताबिक अब तक 28 एनकाउंटर करने के बाद इन्हें कोलकाता से छत्तीसगढ़ में नक्सली एनकाउंटर करने के लिए भेजा गया है...पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो उनके होश गुम हो गए..गिरफ्तारी के बाद सारा माजरा समझ में आया...पुलिस ने मीडिया बनकर इस सीबीआई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को पकड़ा... अब तक छप्पन, शूटआऊट एट लोखणंडवाला....जैसी फिल्मों से इंस्पायर यह जनाब खुद को सीबीआई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बताते हैं..इन्हें नक्सलियों का लाइव

पूर्वोत्तर की अनोखी शमां

  पूर्वोत्तर की मिलजुली संस्कृति के अनोखे संगम के साथ लोगों को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से रायपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम ऑक्टेव 2011 की बेमिसाल शुरूआत हुई..खुले आसमां तले तीन स्तरीय मंच पर पूर्वोत्तर का खनकदार नृत्य..अंग-अंग की खास भाव-भंगिमा का मोहक असर..मृदंग की थाप, बांसुरी की तान और झाल की झनक..नृत्यप्रेमियों का हुजूम..साथ में गुलाबी ठंड का सुहाना मौसम..मानो संध्या की धड़कन में पावों की थिरकन हो रही हो रवां..ऑक्टेव 2011 में पुलिस लाईन ग्राउंड में रंग-बिरंगी रोशनी के बीच जीवंत हो रहा था यह नजारा.. कार्यक्रम का आकर्षण पारंपरिक फैशन शो के रूप में सामने आई..इसमें आठों राज्य के लोगों ने अपने-अपने राज्य के परिधानों के साथ कैटवाक किया..नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय आदि प्रदेशों के कलाकारों ने भी अपने परिधानों से दर्शकों पर छाप छोड़ी..इसके बाद इन राज्यों के लोकनृत्यों की बारी थी..मणिपुर के थांग ता व ढोल ढोलक चोलम की प्रस्तुति..मणिपुर में याओशांग यानी होली के मौके पर इसकी प्रस्तुति की जाती है..भक्तिरस से परिपूर्ण इस नृत्य का प्रमुख